डेस्क जॉब या लंबे समय तक एक स्थान पर बैठकर काम करते रहने की आदत को पहले के अध्ययनों में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं वाला बताया गया है। लॉन्ग सिटिंग जॉब्स के कारण सेंडेंटरी लाइफस्टाइल का जोखिम बढ़ जाता है, जिसको शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता रहा है। अगर आप भी रोजाना 8-10 घंटे बैठकर काम करते हैं तो अपनी सेहत को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि डेस्क जॉब वालों में समय के साथ गंभीर न्यूरोलॉजिलकल विकारों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है, यह आपमें अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया के प्रमुख कारणों में से एक है, आमतौर पर इसका जोखिम 60 की उम्र के बाद वाले लोगों में देखा जाता रहा है। हालांकि इस शोध में बताया गया है कि जॉब करने वाले लोगों में भी इस रोग का जोखिम बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।