Nitin Gadkari:गडकरी ने बताई गांवों की समृद्धि की राह, आदिवासी, ग्रामीण और कृषि केंद्रित अनुसंधान है जरूरी – Nitin Gadkari Calls For Tribal, Rural And Agri-centric Research, Innovation For Prosperity Of Villages

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Nitin Gadkari calls for tribal, rural and agri-centric research, innovation for prosperity of villages

Nitin Gadkari
– फोटो : Nitin Gadkari

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि आदिवासी, ग्रामीण और कृषि केंद्रित अनुसंधान और नवाचार की जरूरत है ताकि देश के गांव समृद्ध हों। वह छत्रपति संभाजीनगर में महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, “हम सबसे बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। हमारे प्रधान मंत्री हमारे देश को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना देखते हैं। इसके लिए, हमें आदिवासी, ग्रामीण और कृषि-केंद्रित अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता है। पहले, देश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती थी और अब यह संख्या घटकर 65 प्रतिशत रह गई है। लोगों ने खुशी से नहीं, बल्कि गांवों की समस्याओं के कारण पलायन किया है।”

उन्होंने कहा, “आज, हमारे पास कपास है जो सस्ता है, लेकिन कपड़े महंगे हैं। हमारे पास संतरे और टमाटर सस्ते हैं, लेकिन उनका रस महंगा है। हमें कृषि से लेकर बिजली और ऊर्जा क्षेत्र तक विविधीकरण के जरिए गांवों में समृद्धि लाने की जरूरत है। बायोमास इथेनॉल देगा और हम कृषि अपशिष्ट से बायो-सीएनजी और एलएनजी बना सकते हैं।” 

 

फिलहाल देश 16 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसान ऊर्जा उत्पादन में शामिल हो जाएं और 10 लाख करोड़ रुपये की ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम हों, तो गांव समृद्ध होंगे और लोग गांवों में लौटेंगे।

छात्रों से शॉर्टकट न अपनाने की अपील करते हुए, गडकरी ने कहा, “यहां बैठे छात्रों को नौकरी देने वाला बनना चाहिए, नौकरी मांगने वाला नहीं। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। हमें किसी से भी जो कुछ भी सीख सकते हैं, सीखना चाहिए। कई मामलों में, जो लोग स्कूल नहीं गए वे अद्भुत काम कर रहे हैं।”

कार्यक्रम के दौरान, विश्वविद्यालय ने दिवंगत कवि वामनदादा कार्दक को सामाजिक समानता के लिए उनके काम और लेखन के लिए मरणोपरांत डी लिट से सम्मानित किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के चांसलर अंकुशराव कदम और कुलपति विलास सपकाल, पूर्व शिक्षा मंत्री कमलकिशोर कदम मौजूद थे।



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