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अन्याय प्रतिकार यात्रा
– फोटो : फाइल
विस्तार
हुजूर… अन्याय प्रतिकार यात्रा के मामले में दाखिल आरोप पत्र में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में अभियोजन असमर्थ है। आरोपी पूर्व विधायक अजय राय को छोड़कर ज्यादातर व्यक्ति संत-महात्मा हैं। उनके लाखों अनुयायी देश-विदेश में हैं। उनके विरुद्ध ट्रायल चलाए जाने पर लोक शांति व लोक सुरक्षा प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।
यह तर्क प्रदेश सरकार की तरफ से बुधवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में दिया गया और आठ साल पुराने मामले में प्रदेश सरकार के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु सहित 81 आरोपियों पर से मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया गया। प्रदेश सरकार का अनुरोध अदालत ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, मुकदमे के एक अन्य आरोपी व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को राहत नहीं मिली है। अजय राय के आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने मुकदमा वापस लेने के लिए अनुमति नहीं मांगी थी। अजय राय से संबंधित मामले की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी।
प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मुकदमे में औपचारिक साक्षियों व अन्य साक्षियों को बुलाने में काफी समय लगेगा। साथ ही लोक धन व न्यायालय के समय का दुरुपयोग होगा। परिणाम राज्य व अभियोजन के पक्ष में आने की संभावना बहुत कम है। इसलिए यह सत्र परीक्षण वाद पूर्व विधायक अजय राय को छोड़कर शेष सभी 81 आरोपीगण के विरुद्ध वापस लिए जाने योग्य है। अजय राय उस समय विधायक थे और उनका पूर्व का आपराधिक इतिहास भी है।
गणेश प्रतिमा विसर्जन के मामले में हुआ था बवाल
गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन पर अड़े शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत अन्य लोगों पर वर्ष 2015 में लाठीचार्ज किया गया था। इसके विरोध में पांच अक्तूबर 2015 को मैदागिन स्थित टाउनहाॅल मैदान से अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड़ भड़क कर गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। इससे वहां भगदड़ मच गई। यह देख चौक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी और लाठीचार्ज किया है। इसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ, फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया।
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