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डॉ. राखी चौहान ने विद्यार्थियों से किया संवाद
– फोटो : अमर उजाला
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दोस्त का हाथ मिलाने, मां-पापा के गले लगाने, दादी-नानी के माथा चूमने से आपको अच्छा महसूस होता है। ये सभी गुड टच हैं। इसके विपरीत जिस छुअन से आपको घुटन महसूस हो, वह बैड टच है। कोई जबरदस्ती आपको गोद में बिठाए, गाल या सीने को छुए, पीछे हाथ लगाए तो यह बैड टच की श्रेणी में आता है। ऐसी दशा में तुरंत प्रतिक्रिया दें। विरोध करें और परिजनों को इसकी जानकारी दें।
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शनिवार को बरेली के कैंब्रिज स्कूल में आयोजित गुड व बैड चट कैंपेन में बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. राखी चौहान ने नर्सरी कक्षा के छात्र-छात्राओं को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों को टच करने से पहले बहुत सी सावधानियां बरती जाती हैं। डॉक्टर भी उन्हें मम्मी-पापा की गैर मौजूदगी में टच नहीं कर सकते। बैड टच एक अपराध है, इसे छिपाना नहीं चाहिए।
बढ़ रही हैं बाल अपराध की घटनाएं
डॉ. राखी चौहान ने बताया कि बीते कुछ दिनों में बच्चों के साथ होने वाले अपराध में इजाफा हुआ है। इससे बचने के लिए बच्चों को खुद भी जागरूक रहना चाहिए। अभिभावकों को भी बाल मन को समझना चाहिए। बच्चों से नियमित संवाद करना चाहिए। उनकी दिनचर्या पर बात करनी चाहिए। उन्हें सही व गलत की जानकारी दें। इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ. नवनीत कृष्ण वार्ष्णेय, प्रधानाचार्य मिथिलेश, शिक्षिका पूजा शर्मा, साधना चौहान, नूपुर शर्मा, हिमांशी राजपाल व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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