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तमंचे बनाने की फैक्ट्री का खुलासा करते एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक
– फोटो : संवाद
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अलीगढ़ महानगर के सासनीगेट क्षेत्र के पला साहिबाबाद के एक मकान से पुलिस ने ताला फैक्टरी की आड़ में संचालित तमंचा फैक्टरी पकड़ी है। मौके से दो सगे भाइयों सहित चार लोग गिरफ्तार किए हैं और भारी मात्रा तैयार व अधबने तमंचों के अलावा उपकरण बरामद किए हैं। मौके से पकड़ा गया कारीगर पेशेवर है और लंबे समय से तमंचे बनाने के धंधे में सक्रिय है। पूर्व में भी जेल जा चुका है। यह फैक्टरी ताले की डाई बनाने के नाम पर तीन माह पहले शुरू की गई और यहां से तैयार तमंचे बुलंदशह, हाथरस, कासगंज, आगरा आदि जिलों में सप्लाई किए जा रहे थे।
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि बृहस्पतिवार रात सीओ प्रथम अभय पांडेय की अगुवाई में थाना पुलिस व एसओजी टीम ने माया गार्डन के पास के मकान में दबिश दी। यहां से लोकेश, योगेश उर्फ पप्पू, लोकेश के भाई पवन व इगलास के गांव रामपुर निवासी सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया। लोकेश मूल रूप से गोंडा के नूरपुर का है और वही सरगना है।
लोकेश, योगेश व पवन तमंचे बनाते हैं। सुनील सप्लाई करता है। मौके से टीम ने 20 तमंचे, तीन अधबने तमंचे, 20 नाल, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, बांक कसने वाली मशीन, 10 किलोग्राम का बाट, दो हथोड़ी, 23 रेती, 25 लाक, बट्टा, आरी, वेल्डिंग राड, बैरल, लोहे की प्लेट, स्प्रिंग, तार, पेंचकस आदि बरामद किए हैं।
उन्होंने बताया कि तीन माह पहले इन लोगों ने ताला डाई की फैक्टरी की आड़ में यह धंधा शुरू किया। लोकेश पेशेवर मास्टर है। वह पूर्व में जेल गया था, फिर कुछ दिन धंधा छोड़ दिया। मगर जब पत्नी ने बेटे को जन्म दिया तो आर्थिक तंगी से घिर गया। जिसके चलते यह धंधा शुरू कर दिया। लोकेश ने खुद स्वीकारा कि वह दो घंटे में एक तमंचा तैयार कर देता है। बिक्री एक हजार रुपये से शुरू होती है। इस इलाके में पहले भी तमंचा फैक्टरी पकड़ी गई थी। एक मर्तबा हरियाणा की टीम भी यहां से छापा मारकर माल ले गई थी।
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