कनाडा:’फाइव आइज’ के पास थी निज्जर की हत्या की जानकारी! फिर कनाडाई सीक्रेट विंग ने उसे क्यों नहीं बचाया – ‘five Eyes’ Group Had Information About Nijjar’s Murder, Then Why Did The Canadian Secret Wing Not Save Him?

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'Five Eyes' group had information about Nijjar's murder, then why did the Canadian Secret Wing not save him?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो।
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


खालिस्तानी आतंकी ‘हरदीप सिंह निज्जर’ की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों की तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक, कनाडाई सुरक्षा खुफिया के पास यह जानकारी थी कि निज्जर की हत्या हो सकती है। उसकी जान खतरे में है। इसके बावजूद निज्जर को बचाया नहीं जा सका। कनाडा की तरफ से यह दावा भी किया गया है कि वह इनपुट केवल कनाडाई खुफिया इकाई से ही नहीं, बल्कि ‘फाइव आइज’ गठबंधन खुफिया नेटवर्क के हवाले से भी मिला था। ‘फाइव आइज’, पांच देशों का एक गठबंधन है, जो आपस में सुरक्षा से संबंधित इंटेलिजेंस इनपुट साझा करता है। हालांकि कनाडा सरकार ने यह नहीं बताया है कि ‘फाइव आइज’ में से किसने वह इनपुट दिया था। सूत्रों का कहना है कि निज्जर की मौत से पीएम  जस्टिन ट्रूडो सियासी फायदा उठाना चाहते थे।

ट्रूडो के आरोप, हास्यास्पद एवं राजनीति से प्रेरित … 

बता दें कि भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, कनाडा के प्रधानमंत्री ने प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के वांछित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर वहां की संसद में जो कुछ भी कहा है, उसे हम खारिज करते हैं। खालिस्तानी आतंकी निज्जर पर दस लाख रुपये का इनाम था। कनाडा की विदेश मंत्री के बयान को भी हम नकारते हैं। भारत सरकार पहले भी निज्जर की हत्या के आरोपों को खारिज करती रही है। ‘जी20’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जब दिल्ली पहुंचे थे तो पीएम मोदी ने उनके समक्ष कनाडा में सिख अलगाववादी गतिविधियों और भारतीय राजनयिकों पर हमलों का मुद्दा उठाया था। कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप, हास्यास्पद और राजनीति से प्रेरित है। ऐसे बेबुनियाद आरोप, खालिस्तानी आतंकवादी और अतिवादियों से ध्यान भटकाने के लिए हैं।

कनाडा ने आरोपों के बाबत नहीं दिए सबूत … 

भारत की तरफ से खालिस्तानी आतंकियों की सूची और उनकी खतरनाक गतिविधियों को लेकर कई बार कनाडा की सरकार को सूचित किया गया था। बाकायदा, वहां पर मौजूद खालिस्तानी आतंकियों और एक्टिव मेंबर की सूची दी गई थी। इतना होने पर भी कनाडा में खालिस्तान को लेकर मुहिम आगे बढ़ती रही। वहां पर मौजूद ‘एसएफजे’ का संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया है, वह भारत के खिलाफ नियमित तौर से आग उगलता रहा। अब कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां कह रही हैं कि निज्जर को खतरा था और उसकी हत्या हो सकती है, ऐसे इनपुट मिले थे। इस मामले में वहां की इंटेलिजेंस इकाई यह दावा भी करती है कि उनके पास कनाडा में मौजूद भारतीय राजनयिकों की आपसी बातचीत के अंश मौजूद हैं। ये अलग बात है कि अभी तक कनाडा की तरफ से दुनिया के समक्ष ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ होने की पुष्टि होती हो। सिक्योरिटी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कनाडा की एजेंसियों को निज्जर की हत्या की आशंका थी तो उसे सुरक्षा क्यों नहीं दी गई।






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