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काशी में दो शंकराचार्य साथ
– फोटो : अमर उजाला
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चातुर्मास की समाप्ति के बाद काशी में दो शंकराचार्य विराजमान हैं। ज्योतिष्पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जहां कोरोना काल में मरने वालों के लिए मुक्ति कथा कहेंगे वहीं कांची पीठ के शंकराचार्य मातृ शक्ति के मोक्ष की कामना से मातृ नवमी पर अनुष्ठान करेंगे। कांची के शंकराचार्य अपने 88 दिनों की काशी यात्रा पर हैं तो वहीं ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य 90 दिनों का 21वां चातुर्मास पूर्ण करने के बाद मध्य प्रदेश से वाराणसी पहुंचे हैं।
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ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी प्रवास के दौरान कोरोना से मरने वाले लोगों की आत्मा की सद्गति के लिए धर्मानुष्ठान की आज से शुरूआत करेंगे। शंकराचार्य ने बताया कि कोरोना काल में जितने भी लोग देश और विदेश में असमय काल कवलित हुए थे और जिन लोगों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार तक नहीं हो पाया था। उन सभी की सद्गति के लिए काशी में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा आयोजित होगी। इसके साथ ही वैदिक ब्राह्मणों द्वारा उनके लिए तर्पण के कृत्य भी संपन्न होंगे। कोरोना में मरने वालों के लिए यह धर्मानुष्ठान सात से 13 अक्तूबर तक अनवरत चलेगा।
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