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बिहार के अधिकांश यात्री गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों से सफर करते हैं। कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज, बेतिया, छपरा सहित अन्य जगहों के यात्री बसों से आते जाते हैं। बस ड्राइवर दिनेश ने बताया कि गोरखपुर से करीब 200 बसें बिहार के लिए पिपराइच, कप्तानगंज, नौरंगिया, छितौनी होते हुए बगहा तक चलती है। गोरखपुर से कसया, पडरौना होते हुए बेतिया तक कुछ बसें जाती हैं। यहां गोपालगंज से मुजफ्फरपुर और सीवान तक तक जाती हैं। औसतन बसें दो चक्कर लगाते हैं। एक अनुमान के अनुसार इन बसों से रोजाना पांच हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।
बोले यात्री
जब बस में सभी सीटें भर जाती हैं तब चलाई जाती है। इसमें दो से तीन घंटे तक लग जाता है। पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है। शौचालय की व्यवस्था नहीं हुई है। सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं नजर आई।-पवन यादव, यात्री।
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गोपालगंज के लिए बस रात में नौ बजे जाएगी। हम लोग यहां पर छह बजे से परेशान हैं। पूरे परिसर में अंधेरा हो गया है। यहां पर रोशनी का इंतजाम नहीं है। यदि रात में किसी को रुकना पड़ा तो रेलवे स्टेशन जाना पड़ेगा।-राजेश दुबे, यात्री।
पडरौना जाने के लिए बस की तलाश कर रहे हैं। चालक ने बताया है कि एक घंटे के बाद जाएंगे। तब से यहां से वहां भटक रहे हैं। बैठने की व्यवस्था नहीं है। लोग सड़क किनारे खड़े होकर समय काट रहे हैं। -महंत कृष्ण मुरारीदास, यात्री।
ट्रेन से उतरकर आटो पकड़कर यहां तक आए हैं। यहां से मोतीहारी जाएंगे। यहां पर खाली जगह है। प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए कम से शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए।-कलीमुल्लाह, यात्री।
एसपी ट्रैफिक श्यामदेव ने कहा कि अभी नंदानगर में निजी बसों के लिए स्टैंड शुरू हो पाया है। महराजगंज के लिए चयनित स्थल की साफ सफाई नहीं हो सकी है। पार्किंग स्थल पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के संबंध में नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत की गई है। उनको इस समस्या से अवगत कराया जाएगा। पहला दिन होने से कुछ समस्या आई है।
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