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गंगा आरती करने वाली समितियों ने की बैठक
– फोटो : अमर उजाला
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बनारस ही नहीं पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का सबसे बड़ा आयोजन बन चुके देव दीपावली महोत्सव की तिथि को लेकर इस बार भी पेच फंस गया है। काशी विद्वत परिषद और गंगा आरती करने वाली समितियों की आपसी खींचतान से देश और दुनिया भर से काशी आने वाले सैलानियों के मन में तिथियों को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। पूरे मामले में प्रशासन ने जल्द ही समितियों के साथ बैठक कर तिथि पर अंतिम निर्णय लेगी।
पंचांग भेद के कारण होली की तरह ही इस बार देवदीपावली की भव्यता भी फीकी पड़ने के आसार बन रहे हैं। कुछ दिन पहले काशी विद्वत परिषद ने विद्वानों के साथ बैठक कर 26 नवंबर को देव दीपावली मनाने का शास्त्र सम्मत निर्णय दिया था। रविवार शाम गंगा के घाटों पर आरती का आयोजन करने वाली समितियों ने बैठक कर 27 नवंबर को देवदीपावली मनाने का फैसला किया है।
कार्तिक पूर्णिमा की उदया तिथि के अनुसार मनाएंगे देव दीपावली
देव दीपावली पर काशी विद्वत परिषद और समितियों में सहमति नहीं बन सकी है। काशी विद्वत परिषद के निर्णय को समितियों ने खारिज कर दिया है और पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए कार्तिक पूर्णिमा की उदया तिथि में देव दीवापली मनाने का निर्णय किया है। इससे प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा।
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