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अधीक्षिका की क्रूरता: बालगृह में बच्ची को चप्पल से पीटा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के राजकीय बालगृह (शिशु) में बच्ची की चप्पल से पिटाई के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। घटना से पहले और बाद में कौन आया और कौन गया, क्या-क्या हुआ? यह देखा जा रहा है। साथ ही बालिका का मेडिकल भी कराया गया। उसकी गर्दन पर चोट लगना आया है। कहा गया कि यह पिटाई से हो सकती है।
मेडिकल जांच में बालिका की उम्र 13 साल आई है। इस पर उसे रविवार को राजकीय बालगृह (बालिका) कानपुर भेजा जाएगा। इसके लिए पुलिस तैयारी कर रही है। बालगृह में 10 वर्ष तक के बच्चे ही रह सकते हैं। इससे अधिक उम्र के बच्चों को कानपुर के आश्रय गृह में भेजा जाता है। गृह में जिस बच्ची की पिटाई का आरोप अधीक्षिका पूनम पाल पर है। थाना शाहगंज के प्रभारी निरीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि शनिवार को कोर्ट में बालिका के बयान दर्ज कराए जाएंगे। रविवार को उसे कानपुर के बालगृह भेजा जाएगा।
1 घंटे पहले और बाद के फुटेज
पुलिस ने परिसर में लगे कैमरों के फुटेज भी चेक किए। जिस हाल में घटना वाले दिन बच्चे थे, उसमें कैमरा लगा है। हालांकि पूरा हाल कवर नहीं हो रहा है। जिस स्थान पर कुछ बक्से रखे हैं। वह कैमरे में नहीं आ रहे हैं। पुलिस घटना से एक घंटे पहले और बाद के फुटेज देख रही है, जिससे यह पता किया जा सके कि घटना से पहले आखिर क्या हुआ था? अधीक्षिका ने अपने बयान में कहा था कि बच्चे बक्से में बंद हो गए थे। यह सही है या गलत फुटेज से देखा रहा है।
यह था मामला
सोशल मीडिया पर बालगृह शिशु की अधीक्षिका पूनम पाल का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वो एक बच्ची की पिटाई चप्पल से कर रही थीं। एक अन्य वीडियो में फर्श पर पड़े बच्चे के हाथ-पैर बंधे हुए थे। डीएम ने प्रकरण की जांच कराई। अधीक्षिका को निलंबित किया। थाना शाहगंज में वरिष्ठ लिपिक शिव कुमार की ओर से किशोर न्याय अधिनियम में केस कराया गया। पुलिस ने आरोपी अधीक्षिका पूनम पाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। पुलिस ने बच्ची के बयान दर्ज किए।
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