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गया प्रसाद जी के मंदिर के गेट पर महिलाओं के प्रवेश वर्जित है का लगा पर्चा
– फोटो : संवाद
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ब्रज के परम संत पंडित गया प्रसाद जी महाराज के शहर के घंटाघर स्थित मंदिर पर चरण सेवक के रूप में वर्तमान महिला नगर पालिकाध्यक्ष का नाम लिखवाने और मंदिर के द्वार पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है के पर्चे चिकाने का मामला तूल पकड़ रहा है। अब इसे लेकर नेता व बाबा के अनुयायी भी खुलकर बोल रहे हैं। सभी का कहना है कि संत गया प्रसाद जी महिलाओं से इसलिए दूरी बनाते थे, ताकि की उनकी पूजा-पाठ और ध्यान में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े।
शहर के दो विद्वानों ने बाबा पर टिप्पणी की है, जिसमें में उन्होंने कहा है कि वहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। क्यों वर्जित है, इस पर पूरी बात नहीं कहीं है। इसके बाद से महिलाओं के मन में घृणा का भाव आ रहा है। बाबा कभी महिलाओं से नफरत नहीं करते थे।
बाबा की पूजा-पाठ व तपस्या में विघ्न न पड़े, इसलिए वह महिलाओं से दूरी बनाकर रहते थे। आज भी बाबा के स्थान व आश्रम में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। बाबा कभी नहीं चाहते थे कि उनका कोई मंदिर और मठ बने, लेकिन कुछ लोगों ने बाबा को लेकर जाकर घंटाघर पर विराजमान कर दिया। -श्यामसुंदर शर्मा उर्फ बंटी भैया, भाजपा नेता
यह बात पूरी तरह से सही है। परम संत पंडित गया प्रसाद जी महाराज स्त्री से बचा करते थे। बहुत पुरानी बात है एक बार स्वामी रामस्वरूप मध्य प्रदेश की रानी विजयाराजे सिंधिया को बाबा के दर्शन कराने लाए थे, लेकिन बाबा ने दर्शन देने से मना कर दिया था। बाबा ने कहा था कि अगर उन्हें दर्शन करने है तो वह आश्रम से बाहर रहकर दूर से सकती हैं। आज भी गोवर्धन सहित अन्य स्थानों पर बने बाबा के आश्रम व मंदिर में आज भी महिलाओं के प्रवेश वर्जित है।-पंडित भोलाशंकर शर्मा, अनुयायी, पंडित गया प्रसाद जी महाराज
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