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प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश में बालू, मौरंग, मिट्टी और पहाड़ सहित सभी तरह के खनन पर 18 फीसदी जीएसटी वसूली जाएगी। खनन को सेवाकर की श्रेणी में रखते हुए ये दर तय की गई है। खनन पर रॉयल्टी पहले से ही है। अब 18 फीसदी जीएसटी लगने से ईंट, मौरंग, गिट्टी, मार्बल आदि सभी के रेट बढ़ेंगे। इसका सीधा असर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाओं पर पड़ेगा। इस निर्देश का पालन सख्ती से करने के निर्देश राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस ने दिए हैं।
खनन पर सेवाकर को लेकर कारोबारियों और विभाग में लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। जीएसटी लागू होने से पहले खनन पर रॉयल्टी के अतिरिक्त पांच फीसदी सेवाकर का प्रावधान किया गया था। खनन कारोबारियों का कहना है कि रॉयल्टी भी एक प्रकार का टैक्स है, इसलिए एक ही उत्पाद पर दो टैक्स (रॉयल्टी और जीएसटी) नहीं लिया जा सकता है। विवाद बढ़ने पर ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया, जहां ये मामला विचाराधीन है। कारोबारियों का तर्क है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए फैसला आने तक जीएसटी न लिया जाए। वहीं, राज्य कर विभाग ने ये कहते हुए खनन पर 18 फीसदी जीएसटी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है कि न तो इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है न ही जीएसटी व रिकवरी पर किसी तरह की रोक है, इसलिए हम सेवाकर लगेंगे।
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इसके विरोध में कारोबारी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी के पास गए तो वहां अथॉरिटी के सदस्य भी इस मुद्दे पर एक राय नहीं थे। कुछ सदस्यों ने कहा कि 5 फीसदी लगेगा तो कुछ ने कहा कि 18 फीसदी लगना चाहिए। इस पर यूपी जीएसटी आयुक्त ने 18 फीसदी जीएसटी की दर तय कर दी। आदेश के खिलाफ कुछ कारोबारी हाल में हाईकोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने से हाईकोर्ट ने दखल से इन्कार कर दिया। इस पर दोबारा कारोबारी सुप्रीम कोर्ट गए तो इससे जुड़े सभी प्रार्थनापत्र विचाराधीन मामले में ही टैग किए जा रहे हैं। यानी जब पुराने मामले की सुनवाई होगी, तभी ये भी सुने जाएंगे। फैसले से खनन कारोबारियों के सामने पूंजी का संकट हो गया है। क्योंकि इसपर रिफंड नहीं मिलेगा।
महंगा होगा घर से लेकर सड़क-पुल बनाना
खनन पर ही पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की नींव निर्भर है। 5 फीसदी सेवाकर पर ही विवाद है। अब इसे 18 फीसदी करने के साथ वसूली के आदेश देने से मिट्टी, बालू, मौरंग, क्रशर आदि के रेट बढ़ेंगे। इनके दाम बढ़ने से घर, पुल, सड़क सहित हर निर्माण की लागत 7 फीसदी तक बढ़ जाएगी। यानी 30 लाख में बनने वाला घर अब 32 लाख से ज्यादा में तैयार होगा।
टैक्स चोरी रोकने के लिए कड़ी जांच
– खनन से जुड़े वाहनों की जांच सचल दल करेंगे और बिलों का सत्यापन करेंगे।
– वाहन पर लदे खनिज पदार्थ पर अनुमानित रॉयल्टी का अनुमान, फिर जीएसटी का अनुमान।
– अंडर वैल्यूएशन पर नकेल के लिए कार्यदायी संस्था से मूल्य सूची लेगा विभाग।
– खनिज की मशीनरी के किराये और जेनसेट का भी सत्यापन होगा।
– खनन से जुड़े प्रत्येक कारोबारी का पंजीकरण अनिवार्य।
वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार धर्मेंद्र श्रीवास्तव (सीए) ने कहा कि कानून में स्पष्टता लाई जाए। खनन से जुड़े लोगों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाए। रिफंड मिल जाए तो पूंजी प्रवाह बना रहेगा। अन्यथा निर्माण सेक्टर में महंगाई बढ़ेगी।
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