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मरीज को उठाकर ले जाते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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लखीमपुर खीरी के जिला अस्पताल की सीढ़ियों पर एक महिला को बीमार पति के लिए न तो व्हीलचेयर मिली और न ही स्ट्रेचर। आरोप है कि होमगार्ड भी ओपीडी कक्ष में एसी में बैठा रहा, वह भी मदद के लिए आगे नहीं आया। वहां मौजूद लोगों ने भी महिला की कोई मदद नहीं की, सिर्फ तमाशबीन बने रहे। किसी तरह साथ के लोग बीमार युवक को लेकर इमरजेंसी तक पहुंचे, जहां ईएमओ ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लहरपुर तहसील क्षेत्र निवासी परमानंद की बृहस्पतिवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनकी पत्नी अपने भाई और एक अन्य युवक के साथ पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। अस्पताल की सीढ़ियों के पास परमानंद के बेसुध हो जाने पर महिला लोगों से इमरजेंसी तक पहुंचवाने के लिए गुहार लगाती रही। इस दौरान अस्पताल आने और जाने वाले लोग मजमा लगाकर तमाशा देखते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। साथ आए दोनों युवक किसी तरह परमानंद को उठाकर इमरजेंसी तक ले गए, जहां पर ईएमओ ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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मृतक के साले अजय कुमार ने बताया कि काफी देर तक बहन लोगों से मदद मांगती रही, लेकिन न तो कोई आगे आया और न ही अस्पताल में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर ही मिली। यदि किसी ने भी मानवता दिखा दी होती तो बहनोई की जान बच जाती। उनका कहना है कि होमगार्ड भी ओपीडी कक्ष में एसी में बैठा मोबाइल चलाता रहा, वह बुलाने पर भी बाहर नहीं आया। वहीं अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इमरजेंसी से लेकर जनऔषधि केंद्र के पास व्हीलचेयर और स्ट्रेचर रखवाई हुई है। स्टाफ की भी ड्यूटी लगा रखी है। तीमारदार ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच कराई जाएगी।
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