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खालिस्तान समर्थक हरदीप निज्जर की हत्या के बाद विवाद।
– फोटो : twitter
विस्तार
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस घटना के जो सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, उसमें निज्जर की हत्या के लिए हत्यारों की तरफ से की गई तैयारियों को साफ देखा जा सकता है। 18 जून को हुए निज्जर की हत्या को लेकर पुलिस और कनाडा की खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी के बारे में भी जानकारी दी गई है।
अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने वीडियो फुटेज के हवाले से जो रिपोर्ट जारी की है, उसके मुताबिक,
- निज्जर को मारने के लिए जिस तरह की योजना की बात की जा रही थी, उससे भी एक बड़ा और संगठित ऑपरेशन चलाया गया। निज्जर की हत्या की घटना गुरुद्वारे के सिक्योरिटी कैमरों में कैद हो गई और यह फुटेज कनाडा की जांच एजेंसियों के पास हैं।
- इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि वीडियो 90 सेकेंड का है, जिसमें निज्जर को एक कत्थई रंग के पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर ड्राइव करते देखा जा सकता है। इसके बाद उनके ट्रक के पास एक सफेद रंग की सेडान आकर रुकती है, जो ट्रक के बराबर पर चलती है। पहले ये दोनों गाड़िया अलग-अलग रास्ते पर दिखती हैं। लेकिन जब निज्जर का ट्रक आगे निकलता है, तब सेडान इसकी बराबरी पर आती है। इसके बाद ट्रक और सेडान एक ही लेन पर आ जाते हैं। इसी दौरान सेडान को ट्रक के बराबर पर लाया जाता है।
- पोस्ट के मुताबिक, इसके बाद वीडियो में टोपी वाली टीशर्ट पहने दो लोगों को ट्रक के पास आते देखा जा सकता है। ये दोनों लोग ड्राइवर की सीट पर बैठे निज्जर की तरफ बंदूक तानते हैं। इसी दौरान सामने खड़ी सेडान पार्किंग से बाहर निकल जाती है और कैमरे की नजर से दूर हो जाती है। इसके बाद गोलीबारी करने वाले दोनों लोग भी एक ही दिशा में भागते देखे गए।
सिख वेश-भूषा में थे आतंकी निज्जर को मारने वाले, दाढ़ी वाले चेहरे पर लगा था मास्क
निज्जर की हत्या के संबंध में छपी एक रिपोर्ट में गुरुद्वारे के एक स्वयंसेवक भूपिंदरजीत सिंह का भी हवाला दिया गया है। वे निज्जर के ट्रक तक पहुंचने वाले पहले गवाह थे। सिंह ने ड्राइवर साइड का दरवाजा खोला और निज्जर के कंधों को पकड़ लिया। सिंह के हवाले से कहा गया, “ऐसा लग रहा था कि निज्जर की सांसें नहीं चल रही थी।” गुरुद्वारा समिति के एक अन्य सदस्य मलकीत सिंह ने बताया कि उन्होंने दो लोगों को पड़ोस के कौगर क्रीक पार्क की ओर भागते देखा। उसने उनका पीछा किया। उन्होंने दावा किया कि हमलावरों ने ‘सिख गेट-अप’ पहन रखा था, उनके सिर पर छोटे पघों पर हुडी खींची हुई थी और उनके ‘दाढ़ी वाले चेहरे’ पर मास्क लगा हुआ था।
गोलीबारी के बाद हमलावर पहले से इंतजार कर रही ग्रे कलर की कार में सवार हो गए
मलकीत के हवाले से कहा गया है कि वे इंतजार कर रही ग्रे कलर की एक कार में सवार हो गए जिसमें तीन अन्य लोग पहले से ही इंतजार कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने द पोस्ट को बताया कि गोलियों की आवाज के बाद पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने में 12 से 20 मिनट का समय लगा। गवाहों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें 18 जून की घटना की जांच के बारे में बहुत कम बताया है। रिपोर्ट में दावा किया गया पुलिस घटनास्थल पर धीमी गति से पहुंच रही थी और एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण और देरी हुई।
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