[ad_1]
चंद्रयान-3
– फोटो : इसरो
विस्तार
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरे भारत के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से इसरो आज फिर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर सकता है। इसरो के अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि अगर भाग्य ने साथ दिया तो दोनों से न केवल फिर संपर्क होगा, बल्कि उनके उपकरण भी उपयोग करने की दशा में मिलेंगे। हालांकि, इसके सामने काफी बड़ी चुनौतियां हैं। इसे लेकर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर कुछ जरूरी बातें बताईं।
चिंता का विषय
जी माधवन नायर ने बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लगभग दो सप्ताह से स्लीप मोड में हैं। वहां तापमान माइनस 150 डिग्री से भी ज्यादा हो सकता है। यह लगभग फ्रीजर से कुछ निकालने और और फिर उसका उपयोग करने की कोशिश करने जैसा है। उस तापमान पर बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और तंत्र कैसे एक्टिव रहते हैं, यह वास्तव में चिंता का विषय है।
भाग्य का साथ चाहिए होगा
उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थितियों के लिए पर्याप्त परीक्षण किए गए हैं। इसमें कोई शक नहीं है। इस पर भी काम किया गया कि ऐसी स्थिति के बाद भी काम करता रहे। फिर भी हमें अपना ध्यान रखना होगा। हमें भाग्य का साथ चाहिए होगा।
[ad_2]
Source link