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सत्याग्रह करते कर्मचारी।
– फोटो : amar ujala
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अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित होने के बाद बुधवार को दूसरे दिन भी 400 कर्मियों का सत्याग्रह चल रहा है। ज्वाइंट फोरम ऑफ डाक्टर्स पैरामेडिकल स्टॉफ एवं कान्ट्रैक्ट वर्कर्स ऑफ संजय गांधी अस्पताल के पदाधिकारियों का दावा है कि अस्पताल का लाइसेंस बहाल होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
मुंशीगंज मार्ग स्थित अस्पताल गेट के सामने टेंट लगाकर सत्याग्रह अनशन पर बैठे कर्मियों ने नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद की। अस्पताल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पहले नोटिस दी गई कि तीन माह के भीतर जवाब दें जब तक अस्पताल प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करता उससे पहले ही 24 घंटे के भीतर अस्पताल लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। यह आम जनता के हितों पर हमला है। वरिष्ठ कर्मचारी अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन द्वारा यह द्वेष भावना के चलते गलत किया गया है।
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अस्पताल बंद होने से अमेठी के साथ ही सुल्तानपुर व प्रतापगढ़ से भी मरीज आते थे। हर दिन 800 मरीजों की ओपीडी होती थी। दूरदराज से मरीज आते थे लेकिन अब मरीजों को दिक्कत हो रही है। संयुक्त फोरम के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं होता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, सीएमओ कार्यालय के सामने पूर्व एमएलसी दीपक सिंह की अगुवाई में अमेठी बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में सीएमओ कार्यालय परिसर में सत्याग्रह आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है। सत्याग्रह को सपा, आम आदमी पार्टी, अधिवक्ता और किसान संगठन के पदाधिकारी समर्थन दे चुके हैं।
क्या है मामला: कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला की मौत के मामले में मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इमरजेंसी, ओपीडी समेत अन्य सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसके चलते अस्पताल पूरी तरह से बंद हो गया है।
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