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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय।
– फोटो : amar ujala
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा है कि ‘सनातन’ का नाम लेने वाली भाजपा सरकार वस्तुत: ‘सनातन प्रतिकार सरकार’ है। उसके लिए सनातन शब्द किसी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का एक हथियार मात्र है। उन्होंने कहा कि सरकार के पक्षपाती फैसले से यह बात पूरी तरह साबित हो गई है कि वह न सनातन के प्रति समदृष्टि रखती है और न कानून के समक्ष समता पर आधारित ‘विधि के शासन’ में ही उसका कोई विश्वास है।
जारी बयान में पूर्व मंत्री राय ने कहा कि यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो गई, जब सनातन विरोधी सरकार ने काशी में 2015 में सनातन जन विश्वास एवं वर्तमान शंकराचार्य के विरुद्ध सरकारी दमन विरोधी अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल रहे 82 लोगों पर दाखिल मुकदमे में 81 को आरोप मुक्त कर दिया। इसमें सिर्फ एकलौता मैं हूं, जिसे छोड़ दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि सरकार की विद्वेष जनित भेदभावपूर्ण ऐसी कार्रवाई से विचलित होने वाला नहीं हैं। सनातन समाज के साथ हर पीड़ित व्यक्ति या वर्ग के साथ अन्याय के प्रतिकार का संघर्ष करते रहेंगे। सरकार ने सनातन की रक्षा में राजनीतिक भेदभाव का परिचय देते हुए अपने फैसले के पीछे तर्क दिया है कि अजय राय पर और भी मुकदमे हैं, जबकि अतिरिक्त मुकदमे तो उन 81 लोगों में भी कई के विरुद्ध भी हैं। फिर भी उन्हें सरकार ने राजनीतिक सजातीयता के कारण आरोप मुक्त कराया है। मेरे विरुद्ध तो जो भी केस हैं, वह अन्याय के खिलाफ राजनीतिक आन्दोलनों से ही जुड़े हैं।
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