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अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति परीक्षा
– फोटो : अमर उजाला
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आज मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि अगर मनुष्य कठिन मेहनत और दृढ़ निश्चय कर ले तो हर मंजिल पा सकता है। इसका अहसास मुझे तब हुआ था, जब 11वीं कक्षा में मेरा चयन देश की सबसे बड़ी छात्रवृत्तियों में एक अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति (एएमसी) के लिए हुआ था। यह मेरे जीवन की पहली प्रतियोगी परीक्षा थी। वहीं से मेरे अंदर जो आत्मविश्वास जागा, तो आज मैं कौन बनेगा करोड़पति के सीजन-15 तक पहुंच गया सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठने का सपना पूरा कर पाया। यह अविस्मरणीय पल था। ये कहना है फिरोजाबाद जिले के छोटे से गांव अहिवरणपुर के रहने वाले राहुल कुमार का। वे कहते हैं कि केबीसी में अमिताभ बच्चन के सामने बैठना काफी रोमांचक था। पहले ही प्रयास में मुझे केबीसी से फोन आ गया था।
…नहीं बताई यूपीएससी की बात
राहुल कहते हैं कि जब पहली बार अमिताभ बच्चन से मिला तो बहुत नर्वस था। जब उन्होंने गले लगाया तो भावनाओं को रोक नहीं पाया और रो पड़ा। उन्होंने मुझे हौसला दिया। मुझे किसी ने बताया था कि जब अमिताभ भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछें तो ये मत बताना कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे हो। यह बताने पर कठिन सवाल पूछेंगे। बाद में पता चला कि ऐसी बात नहीं है। केबीसी इस सप्ताह को ‘नतमस्तक मां’ मना रहा है, इसलिए मेरे नाम के साथ राहुल प्रवेश कुमार देवी के रूप में लिखा गया।
छात्रवृत्ति ने बदल दिया जीवन
राहुल कहते हैं कि अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति आर्थिक रूप से कमजोर होनहारों की जीवन बदल देती है। मैं इसका साक्षी हूं। 2019 में 11वीं कक्षा में मुझे अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति मिली थी। मुझे एकमुश्त 50 हजार रुपये मिले थे। इसने मेरा जीवन बदल दिया। छात्रवृत्ति के पैसों से पहली बार एंड्रॉयड मोबाइल फोन खरीदा। इससे पढ़ाई में मदद मिली। 11वीं में अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति ने आर्थिक समस्या का सामाधान कर दिया था और आज केबीसी ने कर दिया है। अब पूरा ध्यान यूपीएससी में लगा दिया है। जब उनसे पूछा गया कि झोली में कितने आए तो कहा कि इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
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