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फाइल फोटो।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण करीब डेढ़ साल से ओवरलोड और अन्य वाहनों को निकलवाने के लिए लोकेशन देने का खेल व्हाट्सएप ग्रुपों पर चल रहा है। माफिया 1500 से दो हजार रुपये लेकर यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली के आरटीओ, एआरटीओ, खनन अधिकारी की लोकेशन देकर ओवरलोड वाहनों को निकलवा रहे हैं। खास बात यह है कि 24 घंटे ग्रुपों में लोकेशन शेयर की जाती है। सबका साथ, सबका विकास, लोकेशन, ट्रक आदि ग्रुपों में लोकेशन देने का खेल चल रहा है।
संवाददाता गिरोह के बारे में जानकारी करने के लिए 1500 रुपये देकर दो ग्रुपों में जुड़ा। 20 दिन तक की गई पड़ताल में सामने आया कि शामली के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, बड़ौत, गाजियाबाद, लोनी, अमरोहा, हापुड़, मेरठ, नोएडा, बुलंदशहर, संभल, मुरादाबाद, अलीगढ़ के अलावा हरियाणा के कैथल, पानीपत, सोनीपत, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, गुरुग्राम, रोहतक, रेवाड़ी, झज्जर, उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली के शाहदरा जिलों के आरटीओ, खनन अधिकारी और पुलिस की लोकेशन व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर की जा रही है। पड़ताल के दौरान संवाददाता और गिरोह के सदस्यों के बीच कुछ इस तरह से बातचीत हुई।
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