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NRI Sukhjeet murder case
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
शाहजहांपुर के सुखजीत हत्याकांड में वैसे तो 16 गवाह पेश किए गए लेकिन घटना के चश्मदीद रमनदीप कौर के बेटे अर्जुन सिंह की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही। बता दें कि रमनदीप ने एक सितंबर 2016 को अपने प्रेमी मिट्ठू के साथ मिलकर पति सुखजीत सिंह की हत्या कर दी थी।
बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत इंग्लैंड के डर्बी शहर में रहते थे। उनका फार्म हाउस बसंतापुर में है। बंडा के बसंतापुर स्थित फार्म हाउस में ही वारदात हुई थी। इस हत्याकांड में अदालत ने सुखजीत की पत्नी रमनदीप को फांसी और उसके प्रेमी मिट्ठू को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
‘डैडी के सीने पर बैठी थी मम्मी’
सुखजीत की हत्या के चश्मदीद बेटे अर्जुन ने अदालत को बताया कि घटना की रात वह भी उसी कमरे में था, जिसमें डैडी सोए थे। आहट सुनकर उसकी आंख खुली तो उसने देखा कि डैडी के सीने पर उसकी मम्मी बैठी थीं। तकिये से उनका मुंह दबाया हुआ था। पास में खड़े मिट्ठू ने हथौड़े से डैडी के सिर पर दो वार किए। डैडी बहुत हिल रहे थे तो मम्मी ने मिट्ठू से कहा कि इसे फिनिश कर दो।
मिट्ठू ने कहीं से चाकू लाकर मम्मी को दिया और मम्मी ने डैडी की गर्दन चाकू से काट दी। डर के कारण वह चादर के अंदर बिना हिले-डुले पड़ा रहा। बयानों में अर्जुन ने यह भी कहा था कि डैडी की हत्या में शामिल मम्मी अब उसके लिए केवल रमनदीप कौर है। घटना के समय अर्जुन की आयु दस वर्ष थी।
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