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आंधी और बारिश के दौरान रामलीला मैदान में स्टेज पर फटा टैंट का कपड़ा और होती बारिश
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सोमवार को सुबह से आसमान में छाई घटाएं आखिर शाम को तेज आंधी के बाद बरसना प्रारंभ हो गई। बारिश होने के साथ ही शहर में चल रहे रामलीला के मंचन में व्यवधान डाल दिया। बारिश के कारण मंचन को बीच में रोकना पड़ा रामलीला ग्राउंड में बैठी भीड़ पानी से बचने का इंतजाम करती दिखाई दी। रामलीला चौराहे के साथ कई स्थानों पर जलभराव हो गया।
मौसम विभाग की ओर से 15 से 17 अक्तूबर के मध्य बारिश होने की आशंका जताई थी। 15 अक्तूबर का दिन तो ठीक ठाक गुजर गया लेकिन 16 अक्तूबर को सुबह से आसमान में घटाएं घिरती दिखाई दी। दिन में मौसम में गर्मी रही। लेकिन शाम को तेज आंधी चली और इसके बाद ठंडी हवाएं चलने का दौर प्रारंभ हो गया। साढ़े सात बजे करीब गरज एवं चमक के साथ बारिश प्रारंभ हो गई।
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बारिश की शुरूआत होने के साथ ही हर कोई बचाव करता दिखाई दिया। शाम को जिस समय बारिश प्रारंभ हुई। उस समय मां राज राजेश्वरी कैला देवी भवन पर काफी श्रद्धालुजन मौजूद थे। कोई प्रसाद बांट रहा था तो कोई नेजा चढ़ा रहा था। बारिश होते ही हर कोई बचाव करने को दौड़ने को मजबूर हो गया।
इसी तरह की स्थिति रामलीला प्रांगण में देखने को मिली। बारिश के कारण रामलीला का मंचन रोकने के साथ ही सभी पात्रों को हॉल में लाकर लीला का मंचन कराया गया। क्योंकि बारिश का पानी रामलीला मैदान में भरना प्रारंभ हो गया था। बारिश के कारण सबसे अधिक परेशानी रामलीला मेला में दुकान सजाने वाले दुकानदारों को हो रही थी। क्योंकि दुकानों के बाहर पानी भर गया था।
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हर कोई अपना बचाव कर रहा था। खेल तमाशे एवं झूले भी बंद करने पड़े। क्योंकि पूरे रामलीला प्रांगण में पानी भरा दिखाई दे रहा था। इधर बारिश होने के कारण शहर के निचले इलाकों में बारिश का पानी भरा दिखाई दे रहा था। रामलीला से जुड़े अमित गुप्ता ने कहा कि शूर्पणखा की नाक-कान कटने की लीला रामलीला मैदान में हुई। आगे की लीलाओं का मंचन हॉल में कराया जा रहा है।
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