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संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली
Updated Sun, 22 Oct 2023 12:20 PM IST
बीसी सखी नैंसी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नए युवा पढ़ लिखकर जब अपने गांव-परिवेश के लिए कुछ करते हैं तब ही देश आगे बढ़ता है। यहां रहकर गांव के लिए कुछ करके जो सुकून और प्यार मुझे मिल सकता था वह कहीं और संभव नहीं था। यह कहना है बरेली के भोजीपुरा के चौपारा झनोवी ग्राम पंचायत की बीसी सखी नैंसी प्रजापति का।
नैंसी ने एमएससी की पढ़ाई करने के बाद कहीं नौकरी या प्लेसमेंट के बजाय अपने ही गांव में बीसी सखी की सुविधाएं देने का फैसला किया। पिछले दो वर्षों से वह यह काम कर रही हैं। इसके जरिए वह अब तक करीब तीन हजार ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ चुकी हैं। उनका कहना है कि कोई भी ग्रामीण किसी भी समय मदद के लिए मेरे पास आ सकता है।
कैसे आया विचार
गांव वालों को बैंकिंग संबंधी कार्यों के लिए पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इस वजह से बहुत सारी ग्रामीण महिलाएं बैंकिंग सुविधाओं से कोसों दूर थीं। घर के काम और अन्य कारणों से उन्हें यह मौका नहीं मिल पाता था। पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गांव के लिए कुछ करने का फैसला किया। इसके लिए मैंने इसका प्रशिक्षण लेकर अपना काम शुरू किया। इन प्रयासों से ग्रामीणों को अपने ही गांव में बैंक मिल गया और मुझे एक बेहतर काम जो मुझे संतुष्टि भी दे रहा है। पिछले दो सालों से बतौर बीसी सखी चौपारा झनोवी में रहकर ही काम कर रही हूं। ग्राम पंचायत पर शिविर लगाकर लोगों को बैंक व सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताती हूं।
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