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अशोक अंजुम की पुस्तक का विमोचन करते साहित्यकार
– फोटो : संवाद
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उत्तर प्रदेश साहित्य सभा लखनऊ और शिखर साहित्यिक संस्था अलीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में गजलकार अशोक अंजुम की 101 चुनिंदा की गजलों की पुस्तक का विमोचन संत फिदेलिस स्कूल के सभागार में हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे की वंदना से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अशोक अंजुम साहित्य का आकाश हैं। उनकी यह पुस्तक साहित्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य अतिथि राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि अशोक अंजुम की पुस्तक की हरेक गजल दिल को छू लेने वाली है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंभुनाथ तिवारी ने कहा कि अशोक अंजुम शब्दों की तपिश भलीभांति जानते है, इसीलिए उनके लेखन में शब्दों का अद्भुत प्रबंधन दिखाई देता है। उनकी पुस्तक इस बात का साक्षात प्रमाण है।
फादर रॉबर्ट वर्गीस ने अशोक अंजुम को बधाई देते हुए कहा कि अशोक अंजुम के लेखन में एक अनुपम संतुलन देखने को मिलता है, जिसकी वजह से उनका लेखन और अधिक प्रभावी होता है और जन सामान्य के दिल ओ दिमाग को छूता है। वरिष्ठ कवि कुमार अतुल ने कहा कि अशोक अंजुम चाहे किसी भी विधा में लिखें वे लोगों के दिलों तक पहुंच बना लेते हैं।
ओज कवि डॉ. हरीश बेताब ने कहा कि अशोक अंजुम विभिन्न विधाओं में इस विधा के होकर के अपनी कलम चलाते हैं। जैसा कि अन्यत्र दुर्लभ दिखाई देता है। प्रो. आरआर आजाद ने कहा कि अशोक अंजुम के घर जाकर देखिए तो ऐसा लगता है जैसे मां सरस्वती के मंदिर में आ गए हैं। अशोक अंजुम ने अतिथियों का आभार जताया। अशोक अंजुम की पत्नी भारती शर्मा ने अपने रचनाकार पति की रचना प्रक्रिया और संघर्ष पर प्रकाश डाला।
जितेंद्र कुमार ने अशोक अंजुम के गजल संग्रह से दो गजलों की संगीतमय प्रस्तुति दी। प्रेम किशोर पटाखा और कवि कुमार अतुल ने अशोक अंजुम को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में डॉ. सुदर्शन तोमर, डॉ. मधुसूदन शर्मा, डॉ. शंभुदयाल रावत, पंकज भारद्वाज, अमिताभ शर्मा, टॉम मैथ्यू, विद्यार्णव शर्मा, पूनम शर्मा, नसीर नादान, अरविंद पंडित, अजीज अहमद आदि मौजूद रहे। संचालन सुधांशु गोस्वामी ने किया।
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