33 घंटे रखा रहा शव :गांव में नहीं थी श्मशान भूमि, परेशान रहे परिजन-ग्रामीण रहे परेशान, ऐसे हुआ दाह संस्कार – Dead Body Kept For 33 Hours

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Dead body kept for 33 hours

शव के दाह संस्कार के लिए वार्ता करते कोतवाल अमित कुमार
– फोटो : संवाद

विस्तार


हाथरस के सहपऊ में ग्राम पंचायत गुतहरा के मजरा नगला बंजारा निवासी 48 वर्षीय चंद्रपाल की बीमारी के चलते शनिवार सुबह चार बजे मौत हो गई थी। लगातार तीन दिन से बारिश होने और गांव में श्मशान भूमि न होने के कारण परिजनों के समक्ष अंतिम संस्कार को लेकर समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में करीब 33 घंटे तक शव घर पर रखा रहा। ग्रामीणों ने दाह संस्कार नहीं करने की सूचना पुलिस-प्रशासन को दी। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने लोगों को समझाकर शव का अंतिम संस्कार कराया। 

 ग्रामीणों ने बताया कि इस ग्राम पंचायत में 11 मजरे हैं, इनमें से एक में भी श्मशान भूमि चिन्हित नहीं है। ऐसे में गांव के नाले के पास शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। लगातार बारिश होने के कारण वहां पर अंतिम संस्कार कर पाना मुश्किल है। इन हालात में वह किस स्थान पर दाह संस्कार करें। इस पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार ने उनको कस्बा के श्मशान स्थल पर शव का दाह संस्कार करने की सलाह दी। इस श्मशान स्थल पर कोई विवाद भी नहीं है। इसके बाद पुलिस की देखरेख में 33 घंटे के बाद शव का दाह संस्कार हो सका। इसके बाद प्रशासन एवं पुलिस ने राहत की सांस ली।

मृतक चंद्रपाल 

ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में नहीं है श्मशान स्थल 

सहपऊ ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत गुतहरा है। इस ग्राम पंचायत में गुतहरा के अतिरिक्त नगला पचौरी, नगला परसू, नगला जसुआ, नगला ब्राह्मण, नगला बंजारा, नगला बंशी, नगला सुक्खा, गढ़ी भूप सिंह, वासबित्ता एवं मीरपुरा गांव शामिल हैं। इन सभी गांवों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए कोई जमीन चिन्हित नहीं है। ठाकुर लोगों ने अपनी निजी जमीन में श्मशान स्थल बना रखा है। इसके अलावा, कुछ लोग अपने खेतों में शवों का दाह संस्कार करते हैं। हालांकि, गुतहरा में मुसलमानों के लिए कब्रिस्तान है।

अंतिम संस्कार के सवाल पर अधिकारी बचते आए नजर

नगला बंजारा में 33 घंटे शव रखे रहने के सवाल पर तहसील एवं विकास खंड के अधिकारी बचते नजर आए। किसी भी अधिकारी को यह नहीं पता कि उक्त गांव में श्मशान स्थल है या नहीं। इस संबंध में एडीओ पंचायत अनिल उपाध्याय का कहना है कि उनकी हाल ही में तैनाती हुई है। वह जानकारी करने के बाद ही बता सकते हैं। बीडीओ सुरेश कुमार का कहना था कि पता करने के बाद ही बता पाएंगे।ग्राम पंचायत सचिव एवं क्षेत्रीय लेखपाल का मोबाइल बंद था। तहसीलदार से भी संपर्क नहीं हो पाया। एसडीएम सादाबाद भी ग्राम पंचायत में श्मशान भूमि के बारे सही जवाब नहीं दे सके।  

 ग्रामीणों को समझा-बुझाकर चंद्रपाल के शव का अंतिम संस्कार कस्बा के एक श्मशान में करा दिया गया है। गांव में पूरी तरह से शांति है। -अमित कुमार कोतवाली प्रभारी निरीक्षक, सहपऊ

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