[ad_1]
चौथी बार बदली गई आदित्य एल1 की कक्षा।
– फोटो : सोशल मीडिया।
विस्तार
भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने की चौथी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने शुक्रवार (15 सितंबर) को देर रात इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। इसके लिए कुछ देर के लिए थ्रस्टर फायर किए गए। इसरो ने एक्स पर पोस्ट करके ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बंगलूरू और पोर्ट ब्लेयर स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से मिशन की प्रक्रिया को ट्रैक किया गया। गौरतलब है कि अब 19 सितंबर को रात 2 बजे इसे लैग्रेंज पॉइंट L1 की कक्षा में स्थापित करने के लिए ऑर्बिट बढ़ाई जाएगी।
पहले तीन बार हो चुका है अर्थ-बाउंड फायर
इससे पहले, इसरो ने 10 सितंबर को रात करीब 2.30 बजे तीसरी बार आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ऑर्बिट बढ़ाई थी। तब इसे पृथ्वी से 296 किमी x 71,767 किमी की कक्षा में भेजा गया था। उससे पहले, तीन सितंबर को आदित्य एल1 ने पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी। इसरो ने सुबह करीब 11.45 बजे बताया था कि आदित्य एल-1 की अर्थ बाउंड फायर किया था, जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदली। वहीं, इसरो ने दूसरी बार पांच सितंबर को अपनी कक्षा बदली थी। इसरो ने ट्वीट कर इसकी भी जानकारी दी थी। इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा। इस दौरान पांच बार आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा।
इसी महीने हुई थी लॉन्चिंग
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने दो सितंबर को भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग की थी। इसरो ने पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुई थी। यह मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।
[ad_2]
Source link