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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कांग्रेस नेता शशि थरूर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के वूशु खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिए जाने का मामला शांत नहीं हुआ है। कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने इसे लेकर चीन पर अपनी भड़ास निकाली है और इसे शर्मनाक बताया है। थरूर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार को मांग करनी चाहिए कि चीन को भविष्य में किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता की मेजबानी के अधिकार से तब तक वंचित किया जाए जब तक वह हर मान्यता प्राप्त एथलीट को अनुमति नहीं देता।
चीन द्वारा तेगा ओनिलु, लामगु मेपुंग और वांगसू न्येमान को वीजा देने से इनकार करने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विरोध स्वरूप खेलों के लिए चीन के हांगझोऊ का अपना दौरा रद्द कर दिया था। एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में थरूर ने लिखा, ”हर कोई हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारत द्वारा प्रतिदिन जीते जा रहे पदकों का जश्न मना रहा है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन ने अपमानजनक तरीके से तीन भारतीय एथलीटों को अपने देश में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वे अरुणाचल प्रदेश में पैदा हुए थे।”
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि इन तीन वुशू खिलाड़ियों को पदक जीतने या प्रतियोगिता की खुशी में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा। थरूर ने आगे लिखा, “चीन की हरकत शर्मनाक है और जब खेल खत्म हो जाएंगे तो भारत को आधिकारिक तौर पर विरोध करना चाहिए। यह मांग करनी चाहिए कि चीन को भविष्य में किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता की मेजबानी करने के अधिकार से वंचित किया जाए, जब तक कि वे हर मान्यता प्राप्त एथलीट को प्रवेश और भाग लेने की अनुमति न दें।”
एयरपोर्ट से खिलाड़ियों को वापस लौटना पड़ा
चीन ने जब अरुणाचल प्रदेश के तीनों एथलीट्स को वीजा जारी नहीं किया तो इसकी सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई थी। लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि चीन दुनिया के सामने गलत खेल भावना पेश कर रहा है। उसने जानबूझकर भारत के कुछ खिलाड़ियों को वीजा नहीं जारी किया। अरुणाचल के तीनों खिलाड़ियों को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा था। इससे पहले भी 26 जुलाई को विश्व यूनिवर्सिटी खेलों के लिए इन्हीं तीनों खिलाड़ियों को चीन ने नत्थी वीजा जारी कर दिया था। इसके विरोध में भारत सरकार ने पूरी वूशु टीम को एयरपोर्ट से वापस बुला लिया था। तब चीन को फजीहत झेलनी पड़ी थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन पर साधा था निशाना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले हफ्ते चीन पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने पूर्व-निर्धारित तरीके से अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझोऊ में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। भारत दृढ़ता से अधिवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा। चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है। चीनी कार्रवाई के खिलाफ हमारे विरोध के निशान के रूप में, भारत के खेल मंत्री ने एशियाई खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी।”
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