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अयोध्या की राम की पैड़ी का दृश्य (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
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भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या में दीपोत्सव मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस बार भी दीपोत्सव को एतिहासिक बनाने की तैयारी है। राम की पैड़ी पर 21 लाख दीप जलाकर नया विश्व कीर्तिमान बनाने की योजना है। रामलला के अस्थायी मंदिर में यह आखिरी दीपोत्सव होगा। इसलिए आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है। रामजन्मभूमि परिसर में देशी घी के 1.50 लाख दीये जलाए जाएंगे। दीपोत्सव में प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव का प्री-ट्रायल होगा।
22 जनवरी को राममंदिर का उद्घाटन होगा। रामलला नए घर में विराजेंगे। इसकी खुशी प्रकट करने का उत्सव दीपोत्सव से ही शुरू हो जाएगा। 100 स्थानों पर रंगोली बनाकर दीप सजाए जाएंगे। रंग बिरंगी सजावट से पूरे परिसर को शोभायमान बनाया जाएगा। रामलला के दरबार में देसी घी व निर्माणाधीन राम मंदिर में मोम से बने दीपक जलाए जाएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि राम जन्म भूमि परिसर के अलावा, ट्रस्ट कार्यालय, रामसेवकपुरम, कारसेवकपुरम आदि स्थानों पर दीप जलाने की तैयारी है। परिसर को शुभता के प्रतीकों से सज्जित किया जाएगा।
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अचल मूर्ति 90 फीसदी तैयार
रामलला की अचल मूर्ति निर्माण का काम भी अंतिम चरण में है। इसी मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। मूर्तिकार विपिन भदौरिया ने बताया कि 30 अक्तूबर तक मूर्ति का निर्माण कर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। रामलला की मूर्ति लोगों की कल्पना से कहीं अधिक दिव्य-भव्य होगी। पांच वर्षीय बालक के रूप में धनुष-बाण धारण किए हुए रामलला की मूर्ति बन रही है।
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