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काशी के पूजा पंडालों में पधारीं मां जगदंबा
– फोटो : अमर उजाला
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शाम ढलते ही काशी की सड़कों की रंगत बदल गई। कहीं सतरंगी रोशनी, कहीं चकाचौंध। कही धुनुची, तो कहीं ढाक। कहीं श्रद्धालुओं का रेला तो कहीं मेला। शारदीय नवरात्र की सप्तमी पर पूजा पंडालों में माता के पट खुलते ही शिव की नगरी में शक्ति की आराधना के रंग और भी चटख हो गए। इसके साथ ही दुर्गोत्सव के तीन दिवसीय अनुष्ठान और उल्लास का सिलसिला आरंभ हो गया।
शहर के अंदर बने पंडालों में देश भर के मंदिरों की झलक, धर्म के साथ विज्ञान को प्रणाम करने की ललक हर किसी को लुभा रही थी। शनिवार शाम को पंडालों की ओर जाने वाली सड़कों पर भीड़ का हुजूम उमड़ा। वरुणा पार मिनी स्टेडियम शिवपुर में श्रीरामलला के भव्य मंदिर का स्वरूप साकार हुआ।
कचहरी, अर्दली बाजार, चेतगंज में धरती पर जब लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान उतरे तो दर्शकों ने भी विश्व में भारत के गौरव को साक्षात महसूस किया। सनातन धर्म इंटर कॉलेज के 150 फीट ऊंचे पंडाल में प्रदेश की सबसे ऊंची 24 फीट की मां दुर्गा महिषासुर का संहार कर रही हैं तो हथुआ मार्केट के पंडाल में मुर्देश्वर महादेव के मंदिर में जगदंबा विराजमान हैं। हथुआ मार्केट से जगतगंज की ओर आगे बढ़ते ही सड़क पर रोशनी से सजे आकर्षक कार्टून चरित्र बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
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