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यूरोपीय यूनियन
– फोटो : social Media
विस्तार
इस्राइल-हमास के खिलाफ पिछले कई दिनों से युद्ध जारी है। इस बीच यूरोपीय संघ ने बड़ा बयान दिया है। संघ का कहना है कि सदस्य देशों को प्रवासियों और शरणार्थियों की बेहतर स्क्रीनिंग करना चाहिए। इसके अलावा, देश की सुरक्षा में खतरा लगने पर संबंधित लोगों को तुरंत निकालना चाहिए।
नागरिकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण
यूरोपीय संघ के आंतरिक और न्याय मंत्रियों ने गुरुवार को लक्जमबर्ग में बैठक की। इस दौरान ब्रुसेल्स और फ्रांस में हुए घातक हमलों के बाद उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदमों पर चर्चा की गई। बैठक में यूरोपीय संघ के प्रवासन आयुक्त यल्वा जोहानसन ने कहा कि हमें सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना होगा कि यूरोपीय संघ आंतकतवादी खतरों से सुरक्षित हो। जिन लोगों से संघ की सुरक्षा को खतरा है, उन्हें तुरंत उनके मूल देश भेजा जाना चाहिए। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में कोई भी हिंसक यहूदी-विरोधी या फिर हिंसक इस्लामोफोबिया न हो, जिससे हमारे सभी नागरिक सुरक्षित महसूस करें।
हमास द्वारा इस्राइल के खिलाफ शुरू किए गए हमले के बाद यूरोपिय संघ की यह पहली बैठक थी, जिस पर युद्ध को लेकर चर्चा की गई। बैठक में फिनलैंड की आंतरिक मंत्री मारी रैनटेनेन ने कहा कि फलस्तीन की स्थिति पर संघ की बरीक नजर है। हम सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब पढ़ें, ब्रेस्लस और फ्रांस में हुआ हमला
ब्रसेल्स हमला: हाल ही में, ब्रसेल्स में गोलीबारी हुई थी, जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि गोलीबारी में मारे गए दोनों लोग स्वीडिश नागरिक थे। गोलीबारी के बाद बेल्जियम के प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने मृतकों के रिश्तेदारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं थी। उन्होंने कहा कि कारयतापूर्ण हमले के पीड़ितों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं। उन्होंने ब्रसेल्स के लोगों से सतर्कता बरतने के लिए कहा है।
हमले के थोड़े समय बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें हमलावर कह रहा था कि- ‘मेरा नाम अब्देसालेम अल गुइलानी है। मैं अल्लाह के लिए एक सेनानी हूं। मैं इस्लामिक स्टेट से हूं। हम प्यार करते हैं जो हमसे प्यार करता है और हम नफरत करते हैं जो हमसे नफरत करता है। हम अपने धर्म के लिए जीते हैं और हम अपने धर्म के लिए मरते हैं। अल्हम्दुल्लाह। तुम्हारे भाई ने मुसलमानों के नाम पर बदला लिया।’
फ्रांस हमला: ब्रसेल्स हमले से फ्रांस में मोहम्मद एम. नाम के एक युवक ने स्कूल में चाकू से हमला कर दिया था, जिस वजह से एक शिक्षक की मौत हो गई थी और दो छात्र घायल हो गए थे। आरोपी मोहम्मद स्कूल का ही पूर्व छात्र था। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे इस्लामिक बर्बरता बताय था। मामले में जांच के दौरान आरोपी का एक ऑडियो बरामद हुआ, जिसमें आरोपी ने आईएस के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा की। वह फ्रांस, फ्रांसीसियों, फ्रांसीसी लोकतंत्र और फ्रांसीसी शिक्षा से नफरत करता है। वहीं, एक वीडियो में आरोपी ने इराक, एशिया और फलस्तीनी इलाकों के मुसलमानों का समर्थन भी किया।
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