Fraud:सेंट्रल बैंक मुख्य शाखा में लाखों की ठगी, मैनेजर व कुछ अन्य पर मुकदमा दर्ज, पुलिस जांच शुरू – Fraud Worth Lakhs In Aligarh Central Bank Main Branch

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Fraud worth lakhs in Aligarh Central Bank main branch

सेंट्रल बैंक
– फोटो : Central Bank

विस्तार


अलीगढ़ के नौरंगाबाद इलाके की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा में हुए गबन का मसला अभी ठंडा नहीं हुआ कि अब इसी बैंक की मुख्य शाखा में ठगी हुई है। यहां एक ग्र्र्राहक को मछली पालन केंद्र का लोन दिलाने के नाम पर ठगी हुई है, जिसका आरोप शाखा के प्रबंधक व कुछ अन्य लोगों पर लगा। मामले का संज्ञान लेते हुए फिलहाल शाखा प्रबंधक का तबादला कर दिया गया है। वहीं पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

यह मुकदमा आईटीआई रोड रिसाल सिंह नगर की शिखा सिंह पत्नी वरुण सिंह की ओर से कराया गया है। जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया मुख्य शाखा बारहद्वारी के निवर्तमान प्रबंधक राजीव सिंह, उनके रिश्तेदार देवकांत सिंह, शहर के ही दो अन्य मुनेंद्र व रिंकुल आरोपी बनाए गए हैं। मुकदमे के अनुसार उनके पति का परिचय मुनेंद्र व रिंकूल से था। इसी परिचय के क्रम में उनसे जब बैंक से ऋण की बात हुई तो उन्होंने अपना परिचय राजीव सिंह से बताते हुए ऋण कराने का वायदा किया। इस परिवार ने अपने पैतृक गांव में मछली पालन केंद्र खोलने के लिए 1 करोड़ 33 लाख के लोन का आवेदन किया। 

8 जुलाई 2022 को ऋण दिलाने की बात शुरू हुई। जिसके बदले आरोपियों ने सब्सिडी के तीस लाख में से 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। तय हुआ कि वह 1.33 करोड़ का सब्सिडी ऋण कराएंगे। उसी अनुसार फर्जी ऋण प्रपोजल पत्र भी दे दिया। जिसमें 1.33 करोड़ का लिमिट ऋण व 12 लाख रुपये का सीसी ऋण देना तय बताया।

इस बीच कई बार आरोपियों ने उनकी भूमि पर निरीक्षण किया। जिसमें देवकांत को सर्वेयर बताया गया। मगर बाद में पता चला कि वह किसी दूसरी बैंक में है। इससे पहले एडवांस में आरोपियों ने 6.50 लाख रुपये भी ले लिए। दिसंबर में जब ऋण पास हुआ तो 40 लाख रुपये उनके खाते में आए। पता चला कि उनको सिर्फ एक करोड़ का बिना सब्सिडी वाला ऋण दिया गया है। जो प्रपोजल पत्र दिया था, वह फर्जी निकला। इस पर उन्होंने बैंक जाकर आपत्ति दर्ज कराई तो पता चला उनके द्वारा बतौर गारंटी दिए गए चेक से मुनेंद्र व रिंकू उनके खाते से 9.50 लाख रुपये निकाल लिए हैं। उनकी आपत्ति पर बाद में वह किसी तरह रुपया नहीं निकाल सके। बाद में उन्हें टहलाया जाता रहा। 

जब उन्होंने उच्च स्तर पर शिकायत की तो उनसे कहा जा रहा है कि उन्हें जो रुपया जारी हुआ है, उसे भी वापस कर दें। इस तरह उनके साथ ठगी हुई। मामले में बैंक प्रबंधक सहित अन्य तीनों आरोपी हैं। उनकी शिकायत पर बैंक प्रबंधक का तबादला दूसरे जनपद किया गया है। अब बन्नादेवी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर बन्नादेवी के अनुसार मामले में जांच जारी है।

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