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पंचामृत से अभिषेक किया गया
– फोटो : अमर उजाला
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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की अद्भुत घड़ी का इंतजार कर रहे भक्तों में उस वक्त उल्लास छा गया जब श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर रात 12 बजते ही ढोल-नगाड़े और घंटे घड़ियाल गूंज उठे। झांझ-मंजीरे, मृदंग और शंख की मंगलध्वनि की बीच कान्हा के बधाई गीत गुंजायमान हो उठे। हर जुबां पर राधे-कृष्ण, राधे-राधे के बोल थे। उधर, गोकुल सहित पूरे ब्रज के मंदिरों में प्रगट भये गोपाला…और बधाई गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया। आराध्य बाल गोपाल के दर्शन कर भक्त भाव विभोर होकर नाचने लगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में महंत नृत्य गोपालदास महाराज सहित श्रीकृष्ण जन्मस्थान के ट्रस्टी अनुराग डालमिया, सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने सोने/चांदी से निर्मित 100 किग्रा की कामधेनु गाय की प्रतिमा में हरिद्वार के गंगाजल सहित पंचामृत को भरकर लल्ला का आभिषेक किया।
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