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शारदीय नवरात्र : कलश स्थापना व पूजन विधि
– फोटो : Amar Ujala Digital
विस्तार
नवरात्र में मां जगतजननी भगवती सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं। शक्ति की आराधना के नौ दिवसीय पर्व 15 अक्तूबर से 23 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के अनुसार भगवती की पूजा से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शरद ऋतु में दुर्गाजी की महापूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस बार कलश स्थापना के लिए श्रद्धालुओं को 48 मिनट का अभिजीत मुहूर्त मिलेगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि 15 अक्तूबर को दिन में 11:36 बजे से 12:24 बजे तक कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस बार 15 अक्तूबर को चित्रा नक्षत्र शाम को 6:13 बजे तक और वैधृति योग अर्थात भद्रा सुबह 10:24 बजे तक रहेगी। भद्रा में कलश की स्थापना नहीं की जाती है।
अष्टमी तिथि रात्रि आठ बजे तक
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि षष्ठी तिथि 19 अक्तूबर को रात्रि 12:32 बजे से शुरू होकर 20 अक्तूबर को रात्रि 11:26 बजे तक रहेगी। सप्तमी तिथि 20 अक्तूबर को रात्रि 11:26 बजे से 21 अक्तूबर को रात्रि 9:54 बजे तक रहेगी। अष्टमी तिथि उदया के अनुसार लग जाएगी जो कि 22 अक्तूबर को रात्रि आठ बजे तक रहेगी।
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