हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेन प्रेम चोपड़ा ने विलेन से पहले हीरो के रूप में अपने करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्मों से की। 23 सितंबर 1935 को लाहौर में जन्मे प्रेम चोपड़ा आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रेम चोपड़ा ने अमर उजाला से खास बातचीत के दौरान हीरो बनने से लेकर मनोज कुमार की फिल्म ‘उपकार’ तक के दिलचस्प किस्से शेयर किए।
मुंबई के आने बाद प्रेम चोपड़ा ने जीविकोपार्जन के लिए एक अखबार में नौकरी कर ली। इसी दौरान उन्हें एक पंजाबी फिल्म में हीरो की भूमिका निभाने का मौका मिला। प्रेम चोपड़ा बताते हैं, ‘एक दिन लोकल ट्रेन से यात्रा करते समय एक अजनबी से मुलाकात हुई। उनसे पूछा कि फिल्मों में काम करोगे? न करने का सवाल ही नहीं था। उस अजनबी के साथ रंजीत स्टूडियो गया जहां पर पंजाबी फिल्म ‘चौधरी करनैल सिंह’ के निर्माता किशन कुमार चलाना नायक की तलाश में थे। यह फिल्म मुझे मिली, इत्तेफाक देखिए यह फिल्म भारत-पाक विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित एक हिंदू-मुस्लिम रोमांटिक प्रेम कहानी थी और यह एक बड़ी हिट साबित हुई।’
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हिंदी फिल्मों में प्रेम चोपड़ा का सबसे पहला मौका मनोज कुमार के साथ फिल्म ‘वो कौन थी’ में मिला। इस फिल्म के निर्देशक राज खोसला थे। प्रेम चोपड़ा कहते हैं, ‘फिल्म ‘वो कौन थी’ के बाद मनोज कुमार के साथ मुझे दूसरी फिल्म ‘शहीद’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में मैंने सुखदेव की भूमिका निभाई थी। इसके बाद मैंने ‘पूनम की रात’, ‘मेरा साया’, ‘सगाई’ और ‘तीसरी मंजिल’ जैसी कई फिल्में की।’