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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
– फोटो : PTI
विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल और यूक्रेन को आर्थिक मदद देने के लिए कांग्रेस से 105 अरब डॉलर की मदद देने की अपील की है। बाइडन ने ओवल ऑफिस से देश को संबोधित किया और इस दौरान कहा कि यह अमेरिकी इतिहास का ‘टर्निंग पॉइंट’ का समय है। बाइडन ने कहा कि ‘इस रकम से रूस के क्रूर हमले से जूझ रहे यूक्रेन और हमास के बर्बर हमले से जूझ रहे इस्राइल को मदद मिलेगी। साथ ही गाजा पट्टी में मानवीय मदद दी जा सकेगी।’
इस्राइल यूक्रेन को होगी फंडिंग
यूएस ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट डायरेक्टर शालांदा यंग ने अमेरिकी स्पीकर पैट्रिक मैकहेनरी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उक्त फंड की मांग की गई है। पत्र के अनुसार, इस फंड में से इस्राइल को 14.3 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी जाएगी और 61.4 अरब डॉलर यूक्रेन को दिए जाने हैं। साथ ही गाजा पट्टी में राहत सामग्री के लिए भी 9.15 अरब डॉलर, 7.4 अरब डॉलर ताइवान और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए, और 13.6 अरब डॉलर अमेरिका मैक्सिको सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए मांगे गए हैं।
पत्र में यंग ने लिखा कि दुनिया देख रही है और अमेरिकी लोग नेताओं से उम्मीद कर रहे हैं कि वह एकजुट हों और इन मुद्दों पर साथ आएं। वहीं बाइडन की अपील के बाद सीनेट के बहुमत के नेता चक शूमर ने भी इस पैकेज की तारीफ की और कहा कि वह कोशिश करेंगे कि यह पैकेज जल्द पास हो जाए।
हथियारों की सप्लाई में खर्च किया जाएगा अधिकतर फंड
चक शूमर ने कहा कि यह विधेयक बेहद महत्वपूर्ण है और इसके लिए सदन में जारी हंगामे को शांत होने का इंतजार नहीं किया जा सकता। सीनेट के डेमोक्रेट सांसद इस अपील पर तेजी से कदम बढ़ाएंगे और हम उम्मीद कर रहे हैं कि रिपब्लिकन सांसद भी इस विधेयक को जल्द से जल्द पास कराने में मदद करें। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन को दिए जाने वाले 61 अरब डॉलर में से आधे से ज्यादा रकम हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने में इस्तेमाल होगी। वहीं बचे हुए फंड को आर्थिक और लॉजिस्टिक और शरणार्थियों के कल्याण के काम पर खर्च किया जाएगा। इस्राइल को दिए जा रहे पूरे फंड का इस्तेमाल रक्षा सौदों पर खर्च किया जाएगा।
सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की तैयारी
रिपोर्ट के अनुसार, 13 अरब डॉलर सीमा सुरक्षा, सीमा पर पेट्रोलिंग को बेहतर करने, इमीग्रेशन जजों और शेल्टर और डिटेंशन सेंटर्स पर खर्च किए जाएंगे। एक अरब डॉलर फेंटानिल तस्करी से निपटने में खर्च किए जाने की योजना है। वहीं 9 अरब डॉलर फलस्तीन, इस्राइल और यूक्रेन में हिंसा प्रभावित लोगों की मानवीय मदद के लिए खर्च किए जाएंगे। ताइवान और हिंद प्रशांत की सुरक्षा के लिए मांगे गए सात अरब डॉलर के फंड से इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के उपाय किए जाएंगे। तीन अरब डॉलर यूएस सबमरीन के निर्माण, दो अरब डॉलर विदेशी सेना की वित्तीय मदद के लिए खर्च किए जाएंगे।
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