अनी बुलियन घोटाला :सवालों से बचती रहीं आईएफएस निहारिका, पति पर फोड़ा घोटाले का ठीकरा, फिर सात घंटे हुई पूछताछ – Ani Bullion Scam: Ifs Niharika Singh Interrogated By Ed.

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Ani Bullion scam: IFS Niharika Singh interrogated by ED.

आईएफएस निहारिका सिंह।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


अनी बुलियन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहीं भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी निहारिका सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को दूसरे दिन हुई पूछताछ के दौरान वह तमाम सवालों का जवाब देने से बचती रहीं। निवेशकों की गाढ़ी कमाई को शेल कंपनियों में ट्रांसफर करने और बेशकीमती संपत्तियों को खरीदने के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जतायी। सवालों में घिरने पर जांच अधिकारियों को अर्दब में लेने की कोशिश भी की। हालांकि सख्ती बरतने पर उन्होंने घोटाले का ठीकरा अपने पति अजीत कुमार गुप्ता पर फोड़ दिया।

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इंडोनेशिया के बाली स्थित भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में तैनात निहारिका सिंह के खिलाफ अनी बुलियन घोटाले में कई मुकदमे दर्ज हैं। ईडी ने उनको चार बार सम्मन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। सोमवार को वह राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय में पेश हुई थीं, जिसके बाद सात घंटे तक उनसे पूछताछ करने के बाद आज बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक निहारिका सिंह सुबह 11 बजे शुरू हुई पूछताछ के दौरान वह अपने पति और बाकी रिश्तेदारों की करतूतों पर पर्दा डालती रहीं, लेकिन सवालों में उलझने पर उन्होंने अधिकारियों को दबाव में लेने की कवायद शुरू कर दी। अधिकारियों ने सहयोग नहीं करने पर उन्हें गिरफ्तार करने की चेतावनी दी तो तेवर ढीले हो गए। जिसके बाद शाम 6.45 बजे तक उनका बयान दर्ज किया गया। ईडी के अधिकारी उनके बयान का बाकी आरोपियों और गवाहों के बयानों से मिलान कराएंगे। तत्पश्चात उन्हें फिर पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।

निवेशकों के 600 करोड़ रुपये हड़पे

अनी बुलियन कंपनी ने यूपी समेत कई प्रदेशों में निवेशकों की गाढ़ी कमाई के 600 करोड़ रुपये लुभावनी स्कीम के जरिये रकम दोगुना करने का लालच देकर हड़पे थे। कंपनी के निदेशकों अजीत कुमार गुप्ता, उनकी पत्नी निहारिका सिंह, भाई रामगोपाल गुप्ता व अन्य के खिलाफ निवेशकों ने यूपी और दिल्ली में कई मुकदमे दर्ज कराए थे, जिसके बाद पुलिस ने अजीत समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में ईडी ने भी आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए सात करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है।

सूत्रों के मुताबिक सोमवार को ईडी ने निहारिका से शेल कंपनियों में निवेशकों की रकम ट्रांसफर करने के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। अधिकारियों द्वारा विदेश के बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगने पर वह चुप्पी साधे रहीं। उन्होंने पति की कंपनी से कोई सरोकार न होने की बात कही तो ईडी ने कंपनी द्वारा निवेशकों के सम्मेलन में उनकी उपस्थिति के प्रमाण सामने रख दिए। साथ ही उनकी तमाम संपत्तियों के दस्तावेज दिखाकर सवाल किये।

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