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![इंडिया गठबंधन: यूपी में सपा की दया पर निर्भर नहीं रहेगी कांग्रेस, बसपा का साथ भी ना मिला तो अकेले लड़ेगी चुनाव Congress can contest elections alone in UP, SP is not in favor of giving more seats](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/24/rahul-akhilesh-sonia-mayawati_1695539612.jpeg?w=414&dpr=1.0)
कांग्रेस सपा ओर बसपा दोनों के साथ संभावनाएं देख रही है।
– फोटो : अमर उजाला
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इंडिया एलायंस अब सीटों के बंटवारे के स्तर पर बातचीत शुरू कर चुका है। इस बातचीत में सबसे ज्यादा दिक्कतें यूपी में आने वाली हैं। यहां पर सपा कांग्रेस को पांच से सात सीटे देने के मूड में है। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश में यह गठबंधन टूट सकता है और कांग्रेस अकेले ही चुनावों में जा सकती है।
अखिलेश यादव ने बीते दिनों बयान दिया कि उनकी पार्टी इंडिया एलायंस से सीटें मांगेगी नहीं बल्कि उसे देगी। उनके इस बयान को कांग्रेस के साथ हो रही सीट शेयरिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के घोसी और बागेश्वर सीटों को चुनाव परिणाम को लेकर दिए गए बयान के बाद राज्य स्तर पर दोनों पार्टियों के बीच में एक मौन तल्खी बनी हुई है। हालांकि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप इस मामले में बिल्कुल खामोश है।
सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन तो चाहती है लेकिन वह कांग्रेस का राजनीतिक रसूख 2019 के लोकसभा चुनावों के अनुसार तय करना चाहती हैं। जहां कांग्रेस को एकलौती रायबरेली की सीट मिली थी। खुद राहुल अपनी सीट हार गए थे। कांग्रेस भी एलायंस चाहती है लेकिन उसके दिमाग में 2009 के लोकसभा चुनाव में जीती हुई सीटें हैं। जहां उसने अपने बूते 21 सीटें हालिस की थीं। कांग्रेस इस गठबंधन में 15 से 20 सीटें हासिल करना चाहती है। सारा पेंच यही पर है। दोनों पार्टियां सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दो अलग-अलग पिचों पर हैं।
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