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मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों का इलाज कराते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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फिरोजाबाद में भी बदलते मौसम का असर दिखाई दे रहा है। वहीं डेंगू का प्रकोप भी जारी है। निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। सबसे बुरा हाल मेडिकल कॉलेज का है। सोमवार को मेडिकल कॉलेज में 1610 मरीज पहुंचे। इसमे सबसे अधिक बुखार, सर्दी, खांसी आदि के मरीज शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले करीब 346 मरीजों की खून की जांच की की गईं।
मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी का समय सुबह आठ बजे हैं, लेकिन दवा लेने वाले मरीज आधा घंटे पहले ही पहुंच जाते हैं। पर्चा काउंटर खुलते ही मरीजों की लंबी लाइन लग जाती है। पहले तो मरीजों को पर्चा बनवाने में धक्के खाने पड़ते हैं। उसके बाद डॉक्टर को दिखाने के लिए लंबी लाइन से गुजरना पड़ता है। डॉक्टर को दिखाने के बाद मरीज को दवा काउंटर पर लंबी लाइन लगानी पड़ती है। सुबह साढ़े सात से आठ बजे पहुंचने वाले मरीजों को दोपहर बाद दवा मिल पाती है। मेडिकल कॉलेज में शहर के आसपास के मरीज होते ही हैं, साथ ही दूर दराज के मरीज भी पहुंचते हैं। सोमवर को 436 मरीज बुखार और वायरल के थे। सबसे अधिक भीड़ फिजिशियन कक्ष में जुटी। इधर, वार्ड में भी मरीजों से भरे हैं। सर्दियों की दस्तक के बाद भी वायरल बुखार मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है।
सीएमएस डॉ. नवीन जैन ने बताया कि मौसम में अचानक बदलाव आया है। सुबह शाम ठंड है तो दिन में धूप है। जिसकी वजह से बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही पेट संबंधी बीमारियां शुरू हो जाती हैं। इसका कारण मच्छर और जलजनित बीमारियां होती हैं। वायरल फीवर से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और पानी उबालकर पीएं। खान-पान में सावधानी बरतें, पूरे शरीर के कपड़े पहनें। गरम ताजा चीजों का सेवन करे।
चिकित्सक की सलाह बीमारी से बचाव से लिए करें ये उपाय
– खाने-पीने में ठंडी वस्तुओं का उपयोग न करें।
– छोटे बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाए।
– घर में कहीं पर भी पानी जमा न होने दें।
– कूलर के पानी को समय पर साफ कर दें।
– घर में लगी घनी झाडियों को समय पर काट दें।
– बुखार के साथ खांसी होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
– बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाओं का सेवन न करें।
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