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मृतक शरद गोस्वामी
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
अलीगढ़ महानगर के रामघाट रोड की बहुचर्चित बाइकर्स गैंगवार में मारे गए एक गुट के सरगना शरद गोस्वामी हत्याकांड में शनिवार को अदालत ने फैसला सुना दिया। दोषी करार दिए गए दूसरे गुट के बाइकर्स सरगना सजल चौधरी, उसके भाई-भतीजे सहित चार को उम्रकैद व तीन को आर्म्स एक्ट में सजा सुनाई गई है। यह फैसला एडीजे-8 अशोक भारतेंदु की अदालत ने सुनाया है। अदालत ने बीते मंगलवार को सभी सातों को दोषी करार दिया था। शनिवार को सभी दोषियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई, इनमें से सजल चौधरी वाराणसी जेल में है।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी अमर सिंह तोमर व वादी पक्ष के अधिवक्ता नीरज चौहान के अनुसार मुकदमा क्वार्सी थाने में 3/4 मार्च 2016 की रात दर्ज कराया गया। वादी राकेश गोस्वामी निवासी रमेश विहार के अनुसार उनका बेटा शरद गोस्वामी एक दोस्त के भाई की शादी समारोह में शामिल होने थाने के बगल में शुभम समागम गेस्ट हाउस में गया था। तभी उसे पांच नामजदों व उनके अज्ञात साथियों ने फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान दो राहगीर भी जख्मी हुए। मुकदमे में विपक्षी बाइकर्स गैंग के सजल चौधरी, उसके भाई सतीश व राकेश, भतीजे पंकज निवासीगण देवसैनी क्वार्सी, रिश्तेदार सचिन निवासी हस्तपुर इगलास को नामजद किया गया।
वहीं पुलिस विवेचना में नामजदों के अलावा हरवीर निवासी आरएएफ रोड, मनीष निवासी स्वर्ण जयंती नगर, अंशुल सागर निवासी मोहन नगर धनीपुर, शूटर सुरेंद्र उर्फ रोहन लढ़ौली बल्लभगढ़ हरियाणा, रामू उर्फ रामगोपाल नगौला, शूटर देवेंद्र उर्फ बेबी निवासी बी 1/201 इबलान गार्डन भिलाई अलवर हाल निवासी रामघाट रोड के नाम उजागर हुए। सभी 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हथियार आदि बरामद किए गए और चार्जशीट दायर की गई। सत्र परीक्षण के दौरान सजल के एक भाई सतीश की मौत हो गई, जबकि शूटर देवेंद्र उर्फ बेबी फरार हो गया, जिसकी पत्रावली अलग विचाराधीन है। उसके खिलाफ अदालत से गैर जमानती वारंट जारी हैं। न्यायालय ने मंगलवार को सजल, राकेश, पंकज व सचिन को हत्या का दोषी करार दिया है। वहीं मनीष, हरवीर व अंशुल को आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया था।
साक्ष्यों के अभाव में सुरेंद्र उर्फ रोहन व रामू को बरी किया था। शनिवार को सजा सुनाते हुए हत्या के चारों दोषियों को उम्रकैद व 15-15 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। आर्म्स एक्ट के तीनों दोषियों को तीन-तीन वर्ष कैद व दो-दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। राकेश पर आर्म्स एक्ट के तहत दो हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि इस मुकदमे की विवेचना में विवेचक स्तर से गंभीरता पूर्वक विवेचना नहीं की गई। इस आधार पर मामले में एसएसपी के जरिये आईजी को विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया है। आदेश विशेष संदेशवाहक से भिजवाने और गंभीरता से पालन कराने को कहा गया है। बता दें कि मुकदमे के विवेचक उस समय इंस्पेक्टर रहे रविंद्र बहादुर सिंह थे।
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