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इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड को सिपाही भर्ती-2015 के अभ्यर्थी को ओबीसी आरक्षण का लाभ देते हुए तीस दिन के भीतर नियुक्ति प्रदान करने पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि अभ्यर्थी ने ऑनलाइन आवेदन में विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक जाति प्रमाण पत्र का विवरण अंकित किया है और निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक अर्जित किए हैं, तो उसे ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। भले ही अभ्यर्थी ने पुरानी तिथि का अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया हो।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सिपाही भर्ती-2015 के ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा की ओर से दाखिल याचिका पर अधिवक्ता सुनील यादव को सुन कर पारित किया। याची के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि याची ने चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे।
पहला वह जाति प्रमाण पत्र जिसका विवरण विज्ञापन के अनुरूप ऑनलाइन आवेदन में अंकित किया था और दूसरा संवीक्षा दल द्वारा मांगे जाने पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष-2014 में जारी एक अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी साद्भवनापूर्वक दाखिल कर किया था। इसके आधार पर भर्ती बोर्ड द्वारा याची को सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी मान कर ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया, जिसके कारण ओबीसी कटऑफ से अधिक अंक अर्जित करने के बावजूद याची को अचयनित घोषित किया गया।
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