Asian Games:भारत ने 41 साल बाद घुड़सवारी में जीता स्वर्ण, टीम को कोर्ट में लेनी पड़ी थी शरण, जानें पूरा मामला – Asian Games Gold Winning Equestrian Dressage Team Story And Delhi High Court Connection

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Asian Games gold winning equestrian dressage team story and Delhi High Court connection

भारतीय घुड़सवारी टीम
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


सुदीप्ति हजेला, दिव्याकृति सिंह, विपुल ह्रदय छेड़ा और अनुष अगरवाला की घुड़सवार चौकड़ी ने मंगलवार को ड्रेसेज में देश को पहली बार एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक दिलाया। यह वही टीम है जिसे एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी। कोर्ट जाने के बाद ही भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) इन घुड़सवारों को एशियाई खेलों के चौथे क्वालिफाइंग में खेलने की अनुमति देने के लिए राजी हुआ था। उसके बाद इन घुड़सवारों ने अदालत से मामला वापस लिया और उनके एशियाड में खेलने का रास्ता साफ हुआ।

भारतीय घुड़सवारों ने 209.205 प्रतिशत अंक हासिल कर चीन को उसी के घर में पराजित किया। चीन ने 204.882 प्रतिशत अंक के साथ रजत और हांगकांग ने 204.852 प्रतिशत अंक के साथ कांस्य जीता। भारत का घुड़सवारी में यह 41 साल बाद स्वर्ण पदक है। इससे पहले 1982 के दिल्ली एशियाड में भारत ने घुड़सवारी में तीन स्वर्ण पदक जीते थे।

1986 में जीता था कांस्य

इससे पहले ड्रेसेज में अंतिम बार कांस्य पदक भारत ने 1986 के सियोल एशियाड में जीता था। इंदौर की 21 वर्षीय घुड़सवार सुदीप्ति के पिता मुकेश हजेला बताते हैं कि अगर उस दौरान कोर्ट की शरण नहीं ली होती तो टीम इन खेलों में शिरकत नहीं कर पाती। हालांकि घुड़सवारों ने बाद में ईएफआई के कहने पर मामला वापस लिया।

पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुड़सवारी टीम को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ”यह अत्यंत गर्व की बात है कि कई दशकों के बाद हमारी घुड़सवारी ड्रेसेज टीम ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। हृदय, अनुष, सुदीप्ति और दिव्याकृति ने अद्वितीय कौशल और टीम वर्क का प्रदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारे देश को सम्मान दिलाया है। मैं इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए टीम को हार्दिक बधाई देता हूं।”

 



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