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आजम, अब्दुल्ला और तजीन फत्मा
– फोटो : अमर उजाला
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सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश शोभित बंसल ने अपना फैसला सुनाते हुए सपा नेता आजम खां और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा पर तल्ख टिप्पणी की है।
कोर्ट ने कहा है कि आजम खां ने अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए कूटरचित दस्तावेजों को आधार बनाकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़वाया और जनता ने उन्हें विधायक भी चुन लिया। जन्म प्रमाणपत्र जारी कराए जाने के समय आजम खां यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री थे।
उनके द्वारा झूठे तथ्यों के आधार पर चुनाव लड़ाने के लाभ से प्रेरित होकर झूठा जन्म प्रमाणपत्र जारी कराया गया और उसका प्रयोग किया। यह रामपुर की जनता के साथ धोखा है उनकी मंशा न्याय को हराने जैसी है। कोर्ट ने तजीन फात्मा के खिलाफ भी टिप्पणी की है।
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि तजीन फात्मा एक गृहणी ही नहीं है बल्कि पूर्व में राज्यसभा की सांसद और शिक्षक व उच्च शिक्षित महिला हैं। उन्होंने कूटरचित तथ्यों के आधार पर नगर निगम लखनऊ में झूठा शपथ पत्र दिया और लाभ अर्जित करने में योगदान भी किया।
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