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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Pixabay
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लखनऊ में विकासनगर इलाके में बैंक के 20 लाख के कर्ज से परेशान डॉक्टर प्रदीप वर्मा (38) ने फांसी लगा ली। रविवार सुबह जब मकान मालिक घर पर पहुंचे तो घटना का पता चला। कमरे से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने कर्ज की अदायगी न हो पाने के चलते तनाव में होने की बात लिखी है। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। हादसे की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। प्रदीप अविवाहित थे।
बाराबंकी के मसौली के रहने वाले प्रदीप वर्मा ने 2013 में केजीएमयू से एमबीबीएस किया था। मृतक के पिता सूर्य प्रकाश वर्मा के मुताबिक, बेटा प्रदीप विकासनगर के विनायकपुरम में ओपी गुप्ता के मकान पर काफी समय से किराये पर रह रहे थे। प्रदीप गुडंबा के एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे थे।
पिता ने बताया कि मकान मालिक किसी काम से प्रदीप को घर की जिम्मेदारी सौंपकर शनिवार को बाराबंकी गए थे। प्रदीप घर में अकेले थे। रविवार सुबह मकान मालिक लौटे तो दरवाजा बंद था। खटखटाने पर भी जवाब नहीं मिला। खिड़की तोड़कर अंदर पहुंचे तो गमछे के सहारे प्रदीप का शव पंखे से लटका मिला। सूचना पर विकासनगर पुलिस और प्रदीप के घरवाले भी पहुंच गए। परिवार में मां चंदा देवी, एक बड़ा भाई संदीप है। सूर्य प्रकाश बेटे संदीप के साथ गांव में क्लीनिक चलाते हैं।
कुछ समय से नहीं जमा कर पा रहे थे किस्त
प्रदीप ने दो लाइन के सुसाइड नोट में बैंक के कर्ज से परेशान होकर जान देने की बात लिखी है। परिजन के अनुसार, बेटे ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर दो बैंकों से लखीमपुर खीरी के पलिया में अस्पताल खोलने के लिए 20 लाख का कर्ज लिया था। अब तक प्रदीप 80 हजार रुपये अदा कर चुके थे, पर कुछ समय से किस्त जमा नहीं कर पा रहे थे। इससे वह काफी परेशान थे।
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